भारतीय मुसलमानों का नरसंहार कभी भी हो सकता है: ग्रेगरी स्टैंटन, अध्यक्ष, जेनोसाइड वॉच - IAMC

भारतीय मुसलमानों का नरसंहार कभी भी हो सकता है: ग्रेगरी स्टैंटन, अध्यक्ष, जेनोसाइड वॉच

(प्रकाशनार्थ / FOR IMMEDIATE RELEASE)

शिकागो, सितंबर 08, 2022

दुनिया के जानेमाने मानवाधिकार संगठन ‘जेनोसाइड वॉच’ के संस्थापक डॉ. ग्रैगरी स्टैंटन ने कहा है कि भारत में 20 करोड़ मुसलमानों के नरसंहार की तैयारी हो रही है और कभी भी क़त्ल-ए-आम को अंजाम दिया जा सकता है.

नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के साथ-साथ मुसलमानों के प्रति नफ़रत-भरे भाषण देने वालों और मुसलमानों की लिंचिंग करने वाले हिंदुओं को सज़ा न देने का हवाला देते हुए स्टैंटन ने कहा है कि भारत में मुसलमानों के नरसंहार के सभी हालत मौजूद हो चुके हैं.

जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता ख़त्म किए जाने का ज़िक़्र करते हुए स्टैंटन ने कहा वहाँ मुसलमानों की तमाम संपत्तियों को ज़ब्त या नष्ट कर दिया गया है और उन्हें चिन्हित क्षेत्रों में विस्थापित कर दिया गया है. “दण्डहीनता का ऐसा राज है कि अपने ही परिवार की सामूहिक हत्या के चश्मदीदों को गवाही से मुकरने के लिए आतंकित किया गया और हत्यारों को बरी कर दिया गया.”

इस्लामिक सोसायटी ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (ISNA) के 59वें वार्षिक अधिवेशन के दौरान इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) द्वारा आयोजित एक पैनल डिस्कशन को संबोधित करते हुए स्टैंटन ने ये बातें कहीं.

स्टैंटन ने कहा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) अब अपनी हिंसक वर्चस्ववादी विचारधारा को “भारत भर के स्कूलों, मज़दूर संघों, सांस्कृतिक संगठनों और धार्मिक समूहों में फैला रहा है. आरएसएस बजरंग दल के कैंप भी चलाता है जहाँ हिंदू युवाओं को हिंदुत्व की विचारधारा सिखायी जाती है और मुस्लिमों से नफ़रत और भय की खुलेआम वक़ालत की जाती है. इन शिविरों को विदेशों में बसे भारतीयों से बड़े पैमाने पर वित्तीय मदद मिलती है, ख़ासतौर पर भारत के विकास और राहत कोष के ज़रिये.”

उन्होंने आगे चेताया कि बीजेपी पहले भी हिंसा और नरसंहार में भूमिका निभा चुकी है. ख़ासतौर पर 2002 के गुजरात दंगों में उसकी स्पष्ट भूमिका रही है और अब वह और नरसंहारों की तैयारी शुरू कर चुकी है.

गुजरात नरसंहार की याद दिलाते हुए स्टैंटन ने कहा, “हत्यारे अपने नारों में नरसंहार के इरादे को पहले ही स्पष्ट रूप से ज़ाहिर कर चुके हैं: ‘उन सभी को मार डालो’, उनके समाज को नष्ट कर दो;’ ‘सभी मुसलमानों को खत्म करो;’ ‘हमारे लोगों को उन्होंने बख्शा नहीं, दया मत करो,’ जैसे नारे तब लगाये गये थे.”

स्टैंटन ने कहा कि गुजरात दंगों के दौरान पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि भाजपा के नेताओं ने भीड़ को हत्या करने के लिए उकसाया था. उस समय एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने ये बताया था कि गुजरात में दंगा नहीं राज्य प्रायोजित जनसंहार हुआ था.

पैनल डिस्कशन में भाग लेते हुए खोजी पत्रकार निरंजन टाकले टाकले ने कहा कि बीजेपी हिंदुत्व विचारधारा के संस्थापकों के विचारों को लागू कर रही है जिसमें भारतीय मुसलमानों में डर फैलाने के लिए बलात्कार और गौरक्षा को हथियार बनाना शामिल है. टाकले ने अमेरिका में काम कर रहे उन संगठनों का नाम लिया जिनके ज़रिये हिंदुत्व का नफ़रती विचार फैलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा, “मुझे निश्चित रूप से पता है कि विश्व हिंदू परिषद और हिंदू स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों के ज़रिये हिंदुत्व की विचारधारा दुनिया भर में फैल गयी है और अब वे नफ़रत फैलाने के अलावा उन देशों की विदेशनीति को भी प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि यह केवल नफ़रत है जिस पर वे जीवित रह सकते हैं.”

 

IAMC के एडवोकेसी डायरेक्टर अजित साही ने कहा, “मैं ख़ुद एक हिंदू हूँ. यह लड़ाई हिंदुत्व के ख़िलाफ़ है. हिंदुत्व कट्टरता है. अगर भारतीय लोकतंत्र का पतन होता है तो इसका अमेरिका सहित पूरी दुनिया पर बेहद बुरा असर पड़ेगा.”

Read this PR in English here: https://iamc.com/genocide-watch-founder-says-india-is-at-cusp-of-genocidal-massacres/